भटके बहुरूपी समाज के लोगों के पास रोजगार नहीं होने के कारन यहाँ के परिवारोंको अन्नदाता की जरुरत है ।
कल्याण - भिवंडी रोड पे गोवे गांव के पास एक ऐसी झोपड़पट्टी हे जहा लगभग १०० से १५० तक झोपड़ी है । यहाँ पे लगभग ३०० से ४०० लोग कई बरसोंसे रहते आ रहे है । महाराष्ट्र के और अन्य राज्य से यहाँ पे नौकरी की तलाश में आये हुए ये लोगोको रोजगार न मिलाने के वजेसे यहाँ के लोग बहुरूपी का काम करने लगे ये भटके बहुरूपी समाज के नाम से जाने लगे ये भटके बहुरूपी समाज अपना उदरनिर्वाह करने के लिए कोई भोलेनाथ का रूप लेता है। तो कोई राम-लक्ष्मण और कोई , हवलदार-पोलीस बनके लोगो का मनोरंजन करते है । लोगोने दिया हुआ दान से अपना और अपने परिवार का उदरनिर्वाह करते है । लेकिन इस में उनका गुजरा नहीं होता । .
भटके बहुरूपी समाज के बच्चो को शैक्षणिक प्रहावो में लाने हेतु बस्ती में छोटी सी स्कूल की स्थापना की है ।
बच्चो को त्योहारों के दिन बिस्कुट और देने का कार्य का देने का कार्य किया ।
भटके बहुरूपी समाज के परिवार को ठंडी के मौसम में कम्बल का वितरण किया
भटके बहुरूपी समाज को शैक्षणिक सामग्री / आरोग्य सेवा तथा दवाओं / महिलाओं को सशक्तिकरण/ पक्के घर कौशल्य विकास की जरुरत है ।
संस्था के माध्यम से कुछ दानशूर व्यक्ती संस्थाको मदत कर सके और उस माध्यम से हमारे बच्चो को अच्छी शिक्षा, खाना, और कपडे दे सके उनका आरोग्य स्वस्थ हो सके ये हेतु से संस्था की स्थापना की गई है ।.